Monday, March 29, 2010

सरजूपार की मोनालीसा: जाने क्यों वो गुल्लक आजकल मुझे घूरता रहता है

सरजूपार की मोनालीसा: जाने क्यों वो गुल्लक आजकल मुझे घूरता रहता है

1 comment:

Unknown said...

भाई एक और बात कहना चाहता हु...आप ने जो तस्वीर लगायी है...मेरी तो ये सलाह है...उसे बदल दे...पुरुष का इतना भयावह रूप और इस्त्री की इतनी बेबस लाचार तस्वीर...पता नहीं क्यों पर ठीक नहीं है ... ऐसा मुझे लगा...सोचा कह दो...आखिर पाठक का भी तो हक बनता है...

और एक बात...अब दर्शन कह कर सिर्फ चन्द लोग ही पुकारते है , घरवालो को छोड़ कर...आप उनमे से एक है...