Tuesday, January 5, 2010

नया ज्ञानोदय का मीडिया विशेषांक अब उपलब्ध है...


नया ज्ञानोदय का मीडिया विशेषांक अब बाजार में है। 128 पन्नों के इस विशेषांक की कीमत 35 रुपये रखी गई है। अप्रैल 2009 से लेकर दिसंबर 2009 का वक्त लगा, इस अंक को प्लान करने से लेकर बाजार में आने तक...पर अंक आया तो देखकर खुशी हुई। एक मित्र तो रात भर में पूरा विशेषांक बगैर किसी रूकावट के पढ़ गए। अपने ब्लॉग पर इस अंक के विज्ञापन की जानकारी मैं पहले भी दे चुका हूं, पर एक बार फिर बताना जरूरी है कि इस विशेषांक में एनडीटीवी, स्टार न्यूज. आजतक, आईबीएन-7 और जी न्यूज के कई जाने माने संवाददाताओं ने करियर की सबसे चुनौती भरी रिपोर्ट का संस्मरण लिखा है। कई बरस के बाद मैंने खुद भी लिखा, इस मीडिया विशेषांक को पढ़े, और अपनी राय जरूर दें।

5 comments:

सुशील छौक्कर said...

खरीद तो लिया है और पढना शुरु भी कर दिया है। सबसे पहले विनोद जी और कमाल जी को पढा। विनोद जी जो लिखा वो हमें पहले से पता है। पर कमाल जी ने जो लिखा वो नही पता था। वैसे ये एक अच्छा विशेषांक है। बाकी राय बाद में पढने के बाद।

शिवेंद्र said...

शुक्रिया सुशील भाई, इंतजार रहेगा आपकी प्रतिक्रिया का

सुशील छौक्कर said...

शिवेन्द्र जी आपका लिखा लेख ज्ञानोदय में पढा। पढने से पहले सोचा था कि आप शायद सिर्फ क्रिकेट के बारें में ही लिखेगे। पर जब शुरु किया पढना तो सच आपने सोचे हुए के उल्टा ही लिखा। भूमिका में पीयूष जी रचना लिखकर मुझे खुश कर दिया और अचम्भित भी। और जब दो देशों के लोगो के प्यार और भावानाओं पढा तो एक बार तो आँखे बोल ही गई। काश दोनों देशो के नेता आँखो की भाषा समझ पाते। पाकिस्तान के सस्मरण दिल को छू गए। और क्रिकेट की रिपोटिंग़ के किस्सें और कठिनाईयों को पढा। जिनके बारें में समझता हूँ। वैसे सच कहूँ तो पहला हिस्सा कुछ ज्यादा ही पसंद आया। पढने के बाद कमेंट देने की बात आई तो आपके ब्लोग का नाम याद नही आया। पर आज जब ब्लोगवाणी पर गया तो वहाँ आपका ब्लोग मिल गया। और मैने कमेट दे दिया अब। ढेरों शुभकामनाओं के साथ।

शिवेंद्र said...

बहुत बहुत शुक्रिया सुशील भाई। ये संस्मरण मेरे लिए भी हमेशा बेहद भावनात्मक रहेगा

Unknown said...

सर ,
मैं जनसंचार माध्यमों की भूमिका पर कार्य करना चाहता हूँ । यदि ये मीडिया विशेषांक आपके पास पीडीऍफ़ फॉर्मेट में उपलब्ध हो तो भेजिएगा ।